इटावा। जनपद में पर्यावरण एवम वन्यजीव संरक्षण के लिए कार्यरत संस्था (ओशन) द्वारा अंतरराष्ट्रीय सर्पदंश जागरूकता दिवस के अवसर पर राज्य आपदा विषयक सर्प पहचान,सर्पदंश उपचार व सर्पों का महत्व विषय पर आधारित एक महत्वपूर्ण सर्पदंश जागरूकता कार्यक्रम जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, इटावा (डायट) में शैक्षणिक स्टाफ सहित सैकड़ों शिक्षकों की उपस्थिति में आयोजित हुआ।
सर्पदंश जागरूकता कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रहे संस्था ओशन के महासचिव ,मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया के यूपी कोर्डिनेटर , वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष ने जनपद में पाए जाने वाले विभिन्न सर्पों की सरल पहचान, सर्पदंश के बाद की त्वरित प्रथम उपचार की महत्वपूर्ण जानकारी के साथ सर्पों की प्रकृति में महत्वपूर्ण उपयोगिता पर उपस्थित प्रशिक्षणार्थी शिक्षकों को जागरूक किया।
संस्था के डिस्ट्रिक कोर्डिनेटर,डॉ पीयूष दीक्षित ने सर्पदंश में समाज में फैले विभिन्न सामाजिक अंध विश्वाशों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
डॉ आशीष त्रिपाठी ने बताया कि,भारत मे हर साल सर्पदंश से लगभग 64,000 लोग असमय ही मरते है जिनमे से ज्यादातर लोग सही समय से सही इलाज न मिलने से मर जाते है। उत्तर प्रदेश सर्पदंश के मामलों में में अब भारत में शीर्ष स्थान पर भी है । उन्होंने कहा कि,कृपया बरसात के इस खराब मौसम में सभी लोग वेहद सावधान रहें क्यों कि, जरा सी लापरवाही में अपको कभी कोई सर्पदंश हो सकता है । लेकिन ऐसी स्थिति में किसी को भी बिल्कुल भी घबराना नही चाहिए क्यों कि, हमारे आस पास दिखाई देने वाले सभी प्रकार के सर्प जहरीले भी नही होते है। और सर्पदंश का इलाज झाड़ फूँक नही बल्कि एंटीवेनम से ही सफल होता है जो कि जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के कमरा नंबर 3 में मौजूद है
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सर्पमित्र डॉ आशीष ने सभी को बताया कि,ज्यादातर सर्प किसान मित्र होते है जो चूहों को खाकर पर्यावरण संतुलन बनाये रखने में अपनी अहम भूमिका भी निभाते है अतः हमें सर्पों को मारना भी नहीं चाहिए।
ज्ञात हो कि आज भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग के दिशा निर्देशन में पूरे भारत में अंतरराष्ट्रीय सर्पदंश जागरूकता दिवस मनाया गया है।
कार्यक्रम में डायट प्राचार्य डॉ प्रेमपाल सिंह ने कहा कि, आज का यह सर्पदंश जागरूकता कार्यक्रम सभी के लिए बेहद ही ज्ञानवर्धक रहा इस प्रशिक्षण के बाद शिक्षकों में सर्पदंश के प्रति अंजान भय समाप्त हो गया है। चूंकि, वर्तमान में उत्तर प्रदेश में सर्पदंश राज्य आपदा भी घोषित है अतः सर्पदंश से होने वाली बड़ी जनहानि रोकने के लिये यह कार्यक्रम बेहद ही उपयोगी है। उन्होंने कहा कि,आज के कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहे सभी शिक्षकों ने सर्पों को पहचानने के साथ साथ सर्पदंश के बाद का जरूरी प्राथमिक उपचार भी सीख लिया।
इसी क्रम में डायट प्रवक्ता आनंद कुमार एवम डायट प्रवक्ता ब्रजलाल ने संयुक्त रूप से कहा कि, इस प्रकार का ज्ञानवर्धक जागरूकता कार्यक्रम सभी प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में भी लगातार आयोजित होते रहना चाहिए।
जागरूकता कार्यक्रम में
प्राचार्य,प्रेम पाल सिंह
प्रवक्ता डाइट आनंद कुमार,ब्रजलाल,आदर्श तिवारी,श्रीमती गायत्री वर्मा सहित मास्टर ट्रेनर आभा पुरवार, ऋषभ त्रिवेदी ,वीरेंद्र कमल आदि मौजूद रहे।
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist