इटावा। बारह रबीउल अव्वल-जश्न-ए-ईद मीलाद-उन-नबी सल्ल.यानि पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्ल.साहब की यौमे पैदाइश पर आपके चाहने वालों ने जुलूस-ए-मुहम्मदी में जिस तरह से अपनी मौजूदगी दर्ज की वह किसी ऐतिहासिक तसवीर से कम नहीं थी।हज़ारों की संख्या में लोगों ने शहर भर में बहुत ही अदब-एहतराम और पूरी शानो-शौकत के साथ जुलूस निकाल कर अपनी मोहब्बत का सुबूत पेश किया।जुलूस में जनपद भर का मानो जनसैलाब सा उमड़ पड़ा हो।जुलूस का शहर भर में लोगों ने गर्मजोशी से इस्तक़बाल किया।पहला जुलूस सुबह अपने समय पर मदरसा दारुल उलूम गौसिया तजबीदुल कुरआन नई बस्ती आज़ाद नगर से उलमाए इकराम की सरपरस्ती में निकाला गया जिसको हज़रत बन्ने मियां दरगाह शरीफ के ख़ादिम डॉ.शुऐब अहमद नईमी व मौलाना उबैदुर्रहमान खां कादरी ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।जुलूस के आयोजक कारी सरफराज आलम निज़ामी ने उलमाए इकराम आदि का साफा पहनाकर इस्तक़बाल किया।हाफिज़ कफील अहमद चिश्ती ने कुरआन पाक की तिलावत की से जुलूस का आगाज़ किया।अब्दुल कादिर(जीलानी)ने ख़ूबसूरत आवाज़ में नात शरीफ पेश की नारों की सदायें बुलंद की तो उलमाए इकराम ने हुज़ूर की शान में नात शरीफ पड़ कर जुलूस में चल रहे लोगों में जोश पैदा किया।
दूसरा जुलूस नया शहर चौराहे से अन्जुमन-ए-हुसैनिया के सदर हाजी सरफराज मुस्तफा खां आदि पदाधिकारियों की देख-रेख में निकाला गया।नया शहर पर बने स्टेज से जुलूस में चल रहे उलमाए इकराम आदि का
इटावा से सोहिल खान कि रिपोर्ट
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist