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सफारी के अंदर और बाहर लगातार ही बढ़ रहा है जहरीले सांपो का कुनबा सर्पदंश के अनजान खतरे के बीच रह रहे सफारी के शेर और अन्य वन्यजीव

सफारी में स्नेक पार्क बनाये जाने का प्रस्तावित प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में पड़ा

इटावा। जैसा कि सभी को ज्ञात है कि, प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2018 में ही सर्पदंश को राज्य आपदा घोषित कर दिया था जिसके अनुसार किसी को भी सर्पदंश से मृत्यु होने पर उसके परिवार को चार लाख रूपये की आर्थिक सहायता संबंधित जिले के जिलाधिकारी के माध्यम से नियमानुसार दी जा रही है । इसी सर्पदंश जागरूकता के क्रम में जनपद इटावा के वन्यजीव विशेषज्ञ,कोर्डिनेटर मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया यूपी
सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी पूरे जनपद में सर्प संरक्षण सहित सर्प पहचान एवं सर्पदंश उपचार के विषय पर ग्रामीण और शहरी जनता सहित विभिन्न स्कूली बच्चों को जागरूक करने के साथ साथ जनपद में विगत पिछले 5 वर्षों से कई शिक्षण प्रशिक्षण संस्थानों में जाकर लगातार एक विशेष सर्पदंश जागरूकता अभियान चला रहे है। जिससे लोगों ने अब सर्पों को मारना ही छोड़ दिया है लेकिन अब जनपद में पाये जाने वाले विभिन्न सर्पों के सफल रेस्क्यू के बाद उन्हें सुरक्षित उनके प्राकृत वास में छोड़ने की एक बड़ी समस्या भी लगातार ही खड़ी हो रही है क्यों कि जिस प्रकार से जनपद में आबादी बढ़ रही है तो लोग उसी प्राकृत वास के आस पास भी रहने लगे है अतः उन्हें सर्पदंश का खतरा भी लगातार बना हुआ है। इसी के साथ यमुना के घने जंगल के निकट ही बनाया गया इटावा का विश्वप्रसिद्ध लायन सफारी पार्क भी कई प्रकार के जहरीले और बिना जहरीले सर्पों की अनजान जनसंख्या से घिरा हुआ है इसके साथ ही सफारी के अंदर मौजूद हरे भरे घने एरिया में कई प्रकार के सर्प मौजूद है जो उसमे रह रहे बब्बर शेरों के साथ अन्य वन्यजीवो के जीवन के लिए भी भविष्य में एक बड़ा खतरा बनकर अवश्य उभरेंगे। अब भविष्य की इसी समस्या को वर्तमान में ही दृष्टिगत रखते हुए इटावा सफारी पार्क में एक स्नेक पार्क जल्द से जल्द बनाए जाने की महती आवश्यकता भी आ चुकी है जिसके लिए 2022 में इटावा सफारी प्रशासन द्वारा 500 वर्ग मीटर क्षेत्र में स्नेक सफारी बनाए जाने का एक प्रस्ताव शासन को भेजा गया था जिसकी स्वीकृति अभी शासन स्तर से मिलनी बाकी है। जो कि अभी ठंडे बस्ते में ही है। अब जरा यह भी जान लीजिए कि, लायन सफारी पार्क में एक स्नेक सफारी बनाया जाना इतना क्यों आवश्यक हो गया है तो जनाब उसका एक बड़ा उदाहरण यह है कि,पूर्व में (2015) में प्रकाशित हुई नेशनल चैनल की एक खबर के मुताबिक छत्तीसगढ़ राज्य के भिलाई में बने मैत्रीबाग जू के अंदर 3 शेरों (2 बंगाल टाइगर और एक सफेद बाघ) की जू में ही सर्पदंश से दर्दनाक मौत हो चुकी है। अतः अब शेरो के बारे में यह बात बिल्कुल ही असत्य साबित हो गई है कि, बिग कैट की प्रजाति (शेर) को कभी भी सर्पदंश ही ही नही सकता क्यों कि शेरों से सभी सर्प डरते है। अब जब कि,योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा सर्पदंश को एक शासनादेश जारी कर पूरे प्रदेश में राज्य आपदा घोषित किया जा चुका है तब ऐसे में जनहित के साथ साथ भारत की अमूल्य वन्यजीव सम्पदा विश्वप्रसिद्ध एशियाटिक शेरों की अभेद सुरक्षा के मद्देनजर सफारी पार्क में एक स्नेक पार्क बनाने के लिए शासन स्तर एवम प्रमुख सचिव वन तक दिए गए महत्वपूर्ण प्रस्ताव (सुझाव) को सीजेडए दिल्ली (सेंट्रल जू एथोरिटी) से स्नेक पार्क बनाने की परमिशन मिलने के नाम पर ठंडे बस्ते में ही डाल देना भविष्य की एक बहुत बड़ी भूल भी साबित हो सकती है। ज्ञात रहे कि,पूर्व मुख्यमंत्री रक्षामंत्री स्व0 मुलायम सिंह यादव सहित पूर्व मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव की अनोखी पर्यावरण एवम वन्यजीव संरक्षण की सोच के परिणाम स्वरूप ही इस विश्वस्तरीय ड्रीम प्रोजेक्ट लायन सफारी को अपने मूर्तरूप में लाया जा सका था और उसके बाद से कई शेरो ने इटावा के इस सफारी प्रजनन केंद्र में सफलतापूर्वक जन्म भी लिया है। लेकिन सफारी प्रशासन को शेरों की सुरक्षा व्यवस्था के क्रम में पूर्व में एक जू में घटित घटना से सबक लेकर इस गम्भीर पहलू पर ध्यान दिया जाना बेहद आवश्यक है। जैसा कि,एक अकाट्य सत्य यह भी है कि दुनियां में किसी की भी मृत्यु कभी भी बताकर नही आती अतः इस तरह की भी कोई भी अप्रत्याशित सर्पदंश की दुर्घटना भी कहीं भी कभी भी कहीं भी घटित हो सकती है जरूरी नही की वह जगह छत्तीसगढ़ राज्य का भिलाई का मैत्रीबाग जू ही हो वही अप्रत्याशित घटना इटावा सफारी में कब घटित हो जाए यह भी कोई नहीं जानता लेकिन यहां पर बड़ा सवाल यह भी है कि, हम सभी किसी ऐसी किसी अप्रत्याशित दुखद दुर्घटना के घटित होने का इंतजार तो नहीं कर सकते है और पूर्व में एक जू में ही घटित हुई सर्पदंश की घटना से सीख लेकर हमारे देश की शान इस अमूल्य एवम संरक्षित वन्यजीव प्रजाति एशियाटिक बब्बर शेर (पैंथरा लियो पार्सिका) को बचाने के समुचित प्रयास या पूर्ण इंतजाम तो शुरू कर ही सकते है।
और फिर ऐसा भी नही है कि सर्प से सिर्फ शेर को ही खतरा है बल्कि, सफारी के अन्य जानवर सहित सफारी पार्क में कार्य करने वाले कर्मचारी या आवासीय परिसर में रहने वाले सभी परिवार भी अभी सर्पदंश की अदृश्य रेंज में ही रह रहे है।

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