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सर्पदंश से मासूम की दर्दनाक मौत

डॉ आशीष त्रिपाठी

इटावा। थाना जसवंतनगर के अंतर्गत बलरई के ग्राम पूंछरी निवासी स्व0 बबलू एवम श्रीमती रिंकी के चार साल के पुत्र शिवा को देर रात्रि सर्प ने काट लिया जिससे उसकी मौत हो गई। जानकारी के अनुसार शिवा अपनी मां रिंकी और नानी के साथ सोया था। देर रात्रि लगभग सुबह 3 से 4 बजे के बीच करैत सर्प ने शिवा को बिस्तर में चढ़कर काट लिया। जिसका मां रिंकी या शिवा की नानी को बिलकुल आभास भी नही हुआ। शिवा के कुछ देर बाद जोर से रोने की आवाज सुनकर उसकी मां ने देखा तो सर्प उसके पैरो में लिपटा हुआ बैठा था तब घरवालों और ग्रामीणों की मदद से उसे मार दिया गया लेकिन तब मासूम शिवा की हालत खराब हो चुकी थी घरवाले उसे लेकर सैफई गए वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया जिसके बाद घरवाले शिवा को लेकर गांव वापस आ गए मासूम के शव के गांव में आते ही कोहराम मच गया। हर किसी की आंख मासूम शिवा को देखकर नम हो गई। शिवा के पिता की भी तीन वर्ष पूर्व मृत्यु हो चुकी है अब घर में शिवा की मां और उसका एक बड़ा भाई ही है। यह जानकारी शिवा के चाचा संजू राजपूत ने फोन पर सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी दी। सर्पदंश जागरूकता पर जनपद इटावा में पिछले कई वर्षो से कार्य कर रहे डॉ आशीष ने घरवालों को बताया कि,उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा सर्प दंश अब राज्य आपदा घोषित है अतः सर्प दंश से मृत्यु होने पर राज्य सरकार द्वारा जारी शासनादेश के क्रम में पीड़ित परिवार को चार लाख रूपये की आर्थिक सहायता राशि नियमानुसार संबंधित जिले के जिलाधिकारी के माध्यम से दी जाती है जिसके अन्तर्गत अस्पताल की एडमिट रिपोर्ट के साथ मृतक का पंचनामा और पोस्टमार्टम कराना भी अनिवार्य होता है। वन्यजीव एवम सर्प विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी ने जनता से अपील की है कि,यदि कभी किसी को कोई जहरीला कोबरा या करैत सर्प काट ले तब अंधविश्वास में पड़कर झाड़ फूंक बिलकुल भी न कराएं क्यों कि,कोबरा करैत के दंश में झाड़ फूंक में पीड़ित का समय बरबाद करने से हमेशा ही सर्प दंश के रोगी की जान चली जाती है और यदि इसके विपरित रोगी एक घंटे में ही अस्पताल पहुंच जाता है तो एंटीवेनम के साथ जरूरी उपचार मिलने से उसकी अमूल्य जान बच जाती है सर्पमित्र डॉ आशीष ने यह भी बताया कि, जब भी कभी भी किसी को किसी भी पीड़ित के शरीर पर कोई भी सर्पदंश के बारीक 👉 (. .) निशान बिलकुल भी न दिखाई न दे और पेट में तेज दर्द के साथ उल्टी हो या गला बंद होता जा रहा हो धीमे धीमे आंखों की रोशनी भी धुंधली होती जा रही हो घबराहट के साथ बेहोशी भी आ रही हो तब इन सभी लक्षणों से यह समझ लेना चाहिए कि, रोगी को खतरनाक करैत सर्प की की न्यूरोटोक्सिक बाइट हुई है जिसके काटने के बाद अक्सर शरीर पर कोई निशान नहीं दिखाई देता है क्यों की करैत के दांत काफी छोटे होते है। वही दूसरी ओर जहरीले कोबरा सर्प के काटने के बाद शरीर पर 👉 (. .) दो बिंदी जैसे निशान साफ साफ दिखाई देते है जिनसे रक्त भी आता है और तब काटे हुए स्थान पर न्यूरोटोक्सिक वेनम होने की बजह से सूजन जलन और तेज दर्द के साथ घबराहट पसीना और बेहोशी भी आ सकती है इन दोनो ही गंभीर स्थितियों में किसी मरीज को समय से वेंटीलेटर के साथ साथ यदि एंटीवेनम और अन्य जरूरी उपचार चिकित्सक की देखरेख में मिल जाता है तो ऐसे रोगी की अमूल्य जान बचाई जा सकती है। लेकिन हर एक सर्प जहरीला नही होता है अतः सर्प दंश होने पर कभी भी अत्यधिक घबराना नहीं चाहिए नही तो हार्ट अटैक से मृत्यु होने का खतरा बढ़ जाता है।

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