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एक ही गांव में खेत पर तीन बड़े अजगर देखकर मच गया हड़कंप एक साथ तीन बड़े अजगर देख बुरी तरह से डरे ग्रामीण,सर्पमित्र ने किया सुरक्षित रेस्क्य

इटावा। इटावा के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम हरदासपुरा में एक ही जगह पर एक खेत की मेढ़ के किनारे बने बड़े गढ्ढे में एक साथ छिपे बैठे तीन खतरनाक अजगर देख कर खेत पर कार्य कर रहे ग्रामीणों में हड़कंप मच गया चारों तरफ से भीड़ इकट्ठी होने लगी । अजगर के खेत किनारे छुपे होने की खबर सुनते ही आस पास के खेतों में काम कर रहे ग्रामीण लाठी डंडे लेकर खेत की ओर दौड़ पड़े। तब इसकी सूचना ग्रामीण शिव लखन राजपूत द्वारा वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष को दी गई जिसका तत्काल संज्ञान लेते हुए उन्होंने तुरंत ही मौके पर कुछ ही देर में जाकर अजगर का सुरक्षित रेस्क्यू वहां पर मौजूद ग्रामीणों की मदद से बड़ी ही मशक्कत से किया। तभी एक अजगर को सुरक्षित पकड़ते ही ग्रामीणों ने दूसरे अन्य और अजगर को भी उसी गढ्ढे में छिपे हुए देखा तब दूसरे अजगर का भी सुरक्षित रेस्क्यू डॉ आशीष द्वारा कर लिया गया इसके बाद ही ग्रामीणों ने चिल्लाते हुए फिर से बताया कि, इसी जगह एक तीसरा अजगर और भी अन्दर ही छुपा है तब सर्पमित्र डॉ आशीष ने उस तीसरे अजगर को भी बिना किसी नुकसान पहुंचाए ही सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया। तब मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। और तालियां बजाकर तीनों अजगरों का बड़े ही सुरक्षित तरीके से कड़ी मशक्कत के साथ रेस्क्यू करने पर सर्पमित्र डॉ आशीष का अभिवादन किया।

मौके पर वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी ने सभी ग्रामीणों को जानकारी देते हुए बताया कि,ये तीनों ही अजगर पायथन मोलूरस प्रजाति के है जो कि,एक संरक्षित प्रजाति घोषित है इनके काट लेने पर किसी की मृत्यु नही होती है बल्कि केवल साफ सफाई न करने से गेंगरीन ही हो सकता है उन्होंने ग्रामीणों को जानकारी देते हुए बताया कि, हर प्रकार के सर्पदंश का सुरक्षित इलाज जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में कमरा नम्बर तीन में मौजूद है साथ ही बताया कि,इन वन्यजीवों को किसी भी तरह का कोई भी नुकसान पहुंचाने पर भारतीय वन्यजीव अधिनियम 1972 के तहत कड़ी सजा और जुर्माने का प्रावधान भी है। उन्होंने तीनों अजगरों को सुरक्षित रेस्क्यू करने में विशेष सहयोग करने के लिए ग्रामीण शिव लखन राजपूत, प्रदीप राजपूत, छोटे लाल,धीरज राजपूत,पूर्व आर्मी मेजर सूबेदार सिंह यादव का विशेष आभार प्रकट किया। सुरक्षित रेस्क्यू करने के बाद तीनों अजगरों को प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी इटावा अतुलकांत शुक्ला के दिशा निर्देशन एवम बढ़पुरा रेंज प्रभारी अशोक कुमार शर्मा की देखरेख में उप क्षेत्रीय वनाधिकारी शिवप्रसाद एवम वनदरोगा मो0 ताबिश के साथ ले जाकर सुरक्षित उनके प्राकृतवास फिशर वन में छोड़ दिया। ज्ञात हो कि,वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी जनपद इटावा में यूपी पुलिस की डायल 112 सेवा और वन विभाग के सहयोग से इससे पूर्व भी कई सैकड़ा वन्यजीवों को सुरक्षित उनके प्राकृतवास में ले जाकर छोड चुके है साथ ही साथ जनपद इटावा की जनता सहित जनपद के विभिन्न स्कूली छात्र छात्राओं को पर्यावरण एवम वन्यजीव संरक्षण के लिए लगातार जागरूक भी कर रहे है।

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