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दिल्ली पब्लिक स्कूल के स्पोर्ट्स डे पर साइना नेहवाल बोली-“इंडिया स्पोर्ट्स कंट्री” बने

इटावा दिल्ली पब्लिक स्कूल इटावा के वार्षिक खेल समारोह में देश की सर्वश्रेष्ठ बैडमिंटन खिलाड़ी तथा ओलंपिक राष्ट्रमंडल, वर्ल्ड और एशियन चैंपियन साइना नेहवाल ने कहा है कि उन्हें उस दिन सर्वाधिक गर्व महसूस होगा, जिस दिन हमारा भारत देश “स्पोर्ट्स कंट्री” के रूप में पहचाना जाएगा।

मंच से साइना नेहवाल का विद्यालय में स्वागत करते हुए दिल्ली पब्लिक स्कूल के चेयरमैन डॉ विवेक यादव ने कहा कि, मैं आज विश्व चैंपियन साइना जी का समस्त डीपीएस परिवार की ओर से हार्दिक स्वागत करता हूं। उन्होंने साइना नेहवाल का जीवन परिचय देते हुए कहा कि, साइना ने अपने जीवन में कभी भी हार नही मानी है वे हमेशा ही नई ऊर्जा के साथ हर एक चैंपियनशिप खेलती आईं है। आज सफलता का दूसरा नाम साइना नेहवाल भी है उन्होंने कहा कि,साइना जी की दिन रात की मेहनत और लगन ने ही आज उन्हें साधारण साइना से पद्मविभूषण, पद्मश्री साइना नेहवाल बना दिया है। हम सबको उनसे खेलने की प्रेरणा लेनी चाहिए।
स्कूल कि उपलब्धियों का जिक्र करते हुए बताया कि हमारे स्कूल के बच्चे राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हमेशा ही बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है। उन्होंने कहा कि किसी भी बच्चे की सफलता तभी मानी जाती है जब दुनियां में आपके माता पिता आपके नाम से जाने जाते है।

रविवार का दिन इटावा की धरती के लिए बेहद ही गौरवपूर्ण था, क्योंकि साइना नेहवाल जैसी खिलाड़ी के पांव अपनी मां उषा नेहवाल के साथ सर मदन लाल ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन और दिल्ली पब्लिक स्कूल की पहल पर इटावा में पड़े थे। दिल्ली पब्लिक स्कूल पहले भी मैरी कॉम और धनराज पिल्ले जैसे खिलाड़ियों को अपने स्कूल के बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए इटावा ला चुका है।कुल मिलाकर 3 घंटे से ज्यादा दिल्ली पब्लिक स्कूल के प्रांगण में बच्चों और खिलाड़ियों के बीच रही साइना नेहवाल ने कहा कि उन्होंने बचपन में जब बैडमिंटन खेलना आरंभ किया था, तब न तो उनका कोई रोल मॉडल था और न ही उनके पास कोई प्रशिक्षक ही था, मगर उनके माता-पिता की प्रेरणा उनके साथ थी। शनै शनै वह बैडमिंटन में पारंगत होती गई ।जब 2010 में वह ओलंपिक में पहली बार पदक जीतने से चूक गईं, तो वह रात भर रोई थी ,मगर सवेरे से ही नई ऊर्जा के साथ प्रेक्टिस में जुट गई थी और फिर उन्होंने देश का नाम गौरवान्वित करने में कोई और कसर नहीं छोड़ी और न ही पीछे मुड़कर देखा।वह बोली कि आज के बच्चों के लिए रोल मॉडल बनने के लिए खेलों में तेंदुलकर, विराट धोनी आदि खिलाड़ी हैं और मेरे से भी बच्चे प्रेरणा ले सकते हैं। लोगों में अभी भी अपने बच्चों को डॉक्टर ,इंजीनियर आईएएस और पीसीएस बनने की ललक है। मगर अब बच्चे खिलाड़ी बनकर बहुत ऊंचाई पा सकते हैं। न केवल अपने परिवार का बल्कि अपने स्कूल और देश का नाम गौरवान्वित कर सकते हैं।दिल्ली पब्लिक स्कूल के बच्चों के वार्षिक खेलों का हिस्सा बनने साइना नेहवाल सीधे कोटा से ऑन रोड होती इटावा पहुंची थी। स्कूल आगमन पर प्रबंधतंत्र तथा बच्चों, शिक्षकों ने उनकी जोरदार अगवानी की।
बैंड वादन की ध्वनि और मार्च पास्ट के साथ उन्हे मंच पर ले जाया गया ,जहां एसएमजीआई ग्रुप और डीपीएस के चेयरमैन डॉ विवेक यादव ,वाइस चेयरमैन डॉ प्रीति यादव, प्रिंसिपल भावना सिंह,सिटी कोऑर्डिनेटर सीबीएसई एवं डायरेक्टर प्रिंसिपल संत विवेकानंद डॉ आनंद,मदन हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉ विकास यादव ,फार्मेसी कालेज के डायरेक्टर डॉ उमाशंकर शर्मा, नर्सिंग कालेज के निदेशक डॉ शशि शेखर त्रिपाठी ,संत विवेकानंद सीनियर सेकेंडरी भिंड की निदेशक डॉ सीमा त्रिपाठी,रजिस्ट्रार परविंदर सिंह, एसएमजीआई के सभी स्कूलों और कॉलेजों के डायरेक्टर और प्रधानाचार्य तथा इटावा सहोदय स्कूलों के प्रिंसिपल और बिद्यालय स्टाफ ने उनका जबरदस्त अभिनंदन किया।

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