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उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैंफई के डॉक्टर्स को मिली एक बड़ी सफलता रूमेटाइड अर्थराइटिस का पता लगाने के लिए थर्मल कैमरे का किया आविष्कार

भारत सरकार द्वारा थर्मल कैमरे के अविष्कार को मिला

रिपोर्ट शिवम दुबे इटावा उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैंफई के हड्डी रोग विभाग के प्रो. डॉ सुनील कुमार माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रो.डॉ अमित सिंह और फार्माकोलॉजी विभाग (चिकित्सा संकाय) के डॉ विनय कुमार गुप्ता के द्वारा विगत कुछ वर्षों से थर्मल कैमरे के संदर्भ में शोध किया जा रहा था व इस टीम के अथक प्रयासों से रूमेटाइड अर्थराइटिस के इलाज के लिए थर्मल कैमरे का आविष्कार किया गया व इस आविष्कार के लिए भारत सरकार द्वारा पेटेंट भी प्रदान किया गया यह जानकारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ एसपी सिंह ने दी।

कुलपति प्रो. डॉ प्रभात कुमार सिंह ने पूरी टीम के प्रयासों की सराहना की और कहा इस पूरी टीम ने पूरी निष्ठा से काम किया और सफल हुई इसीलिए मैं सभी को हार्दिक बधाई देता हूं। उन्होंने कहा हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए नए-नए शोध व आविष्कार किए जाएं जिससे विश्वविद्यालय द्वारा लोगों को बेहतर इलाज मिले इसके लिए हम भविष्य में निरंतर काम करते रहेंगे।

आइए जाने रूमेटाइड अर्थराइटिस क्या है?

डॉ सुनील कुमार ने बताया कि
रूमेटाइड आर्थराइटिस एक ऐसी समस्या है जो अधिकतर 50 से 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में अधिकतर देखने को मिलती है। रूमेटाइड अर्थराइटिस होने पर साइनोवियम एक झिल्ली की परत है जो जोड़ों के चारों तरफ होती है जब इसमें किसी कारण सूजन आ जाती है तो कार्टिलेज और जोड़ों के बीच की हड्डी खराब होने लगती है।

डॉ विनय कुमार गुप्ता ने बताया कि जब रूमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या की शुरुआत होती है तो थर्मल कैमरे द्वारा बीमारी का जल्द पता लगेगा और इलाज में बहुत सहायक भूमिका होगी। उन्होंने बताया कि यह थर्मल कैमरा एक आर्गोनॉमिकली रूप से डिजाइन किया गया है। यह बेहतर इंटर ऑब्जर्वर विश्वनीयता वाला सुविधाजनक और उपयोग में आसान उपकरण है। इसकी डिजाइन पावर डॉपलर अल्ट्रासाउंड जैसी उपलब्ध नॉन इनवेसिव तकनीक से बेहतर है। इस तकनीक का उपयोग रूमेटाइड आर्थराइटिस की और उपचार की निगरानी में किया जाएगा।
डॉ अमित सिंह ने बताया कि थर्मल कैमरे का प्रारूप छोटा है इसलिए इसका उपयोग करना सरल होगा और मरीज की जांच में भी बहुत सहायक होगा।
इस विशेष उपलब्धि के लिए यूपीयूएमएस के प्रति कुलपति प्रोफेसर (डॉ) रमाकांत यादव, रजिस्ट्रार प्रोफेसर (डॉ) चंद्र वीर सिंह, मेडिसिन संकाय के डीन प्रोफेसर (डॉ) आदेश कुमार और चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर (डॉ) एसपी सिंह ने बधाई दी।

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