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दसवें इमाम को इल्म में महारथ हासिल थी-मस्जिद पंजतनी में हुआ मजलिस का आयोजन

फोटो- महफ़िल में कलाम पेश करते शायरे एहलेबैत

इटावा। स्थानीय घटिया अज़मत अली स्थित मस्जिद पंजतनी इटावा में दसवें इमाम हज़रत अली नक़ी अ.स. की पैदाइश की खुशी में समर अब्बास नक़वी की ओर से महफिल का आयोजन किया गया।
महफ़िल में मौलाना अनवारुल हसन जैदी इमामे जुमा इटावा ने तकरीर करते हुए कहा
दसवे इमाम अली नक़ी की पैदाइश मदीने में 5 रजब सन 214 को हुई। दसवे इमाम को इल्म में महारथ हासिल थी। कुदरत ने उन्हें 40 साल की उम्र दी। इमाम अली नकी को सन 220 में इमामत मिली। इमाम फरमाते हैं जहां तक हो सके अपनी परेशानी किसी इंसान के सामने न रखो। अबू हाशिम जाफ़री दसवें इमाम के सहाबी थे जिन्होंने चार इमामो का दौर देखा। इमाम ने बचपन में ही तमाम इल्म के चमत्कार दिखाए जिससे लोग उनके मुरीद होने लगे। दसवें इमाम के घर से कभी कोई फरियादी मायूस होकर नहीं लौटा। वक्त के जालिम बादशाह ने इमाम को कैदखाने में रखा इमाम ने कैदखाने में अपना वक्त अल्लाह की इबादत में गुजारा। महफ़िल में सलीम रज़ा ने कलाम पेश करते हुए कहा जमाना पूछ रहा था किसकी असमद है, तो मैं ये बोला दोबारा अली की आमद है, इरादे मिट्टी ने बातिल के मिलने वाले हैं, हैं जिसका दादा अली जरी की आमद है। तनवीर हसन ने कलाम पेश करते हुए कहा हजरत नक़ी जहां में तशरीफ़ ला रहे हैं, सलवात के मुहिब सब नारे लगा रहे हैं, दसवां नबी का नायब पैदा हुआ जहां में, खुश होजे मोमनीन सब नारे लगा रहे हैं। अली अब्बास सलमान ने कलाम पेश करते हुए कहा जो इमामो में नाम आये हैं लायके एहतराम आये हैं, ऐसी महफिल को कौन छोड़ेगा जिसमे 12 इमाम आये हैं। इसके अलावा कैफ वारसी, अर्श ने भी कलाम पेश किए। महफ़िल में हाजी कमर अब्बास नक़वी, राहत अक़ील, शावेज़ नक़वी, मो. अब्बास, मो. मियां, हसन अब्बास नक़वी, जहूर नक़वी, इबाद रिज़वी, दबीरुल हसन, राजा, आले रज़ा नक़वी, तालिब रिज़वी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
जाहिद वारसी की रिपोर्ट

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