इटावाl स्कीम वर्क्स सीटू के देशव्यापी आवाहन के तहत जिले में आशा, संगनी व रसोइयों को नियमित भुगतान कराने, रसोइयों को पूरे 12 माह का मानदेय दिलाने, कई महीनो से बकाया पडे मानदेय का भुगतान कराने, कर्मी का दर्जा, 26000 वेतन ,रिटायर होने पर कम से कम 10 लख रुपए एक मुश्त भुगतान, रसोइयों के हर वर्ष नवीनीकरण पर रोक लगाने आदि समस्याओं को लेकर रेलवे स्टेशन से एकत्रित होकर शहर की सड़कों में गगन भेदी नारे लगाते हुए जुलूस कचहरी पहुंच कर सभा में बदल गया। सेंकड़ों आशा ,रसोइयों के हस्ताक्षरित प्रधानमंत्री के नाम मांगपत्र जिलाधिकारी को सौपा गया किसान सभा के राष्ट्रीय संयुक्त मंत्री व प्रांतीय महामंत्री कामरेड मुकुट सिंह ने आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि जिस तरीके से एतिहासिक किसान आंनदोलन और ट्रक ड्राइवरो की हड़ताल ने मोदी सरकार को झुकाने का काम किया है। उसी प्रकार से आशा, रसोइयों का आंदोलन सरकार को मांगे स्वीकार करने को मजबूर करेगा। उन्होंने 16 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा और ट्रेडयूनियनों के भारत बंद में पूरी तरह से भागीदारी की अपील की। स्क्रीम वर्क्स के प्रांतीय उपाध्यक्ष अमर सिंह शाक्य ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारे आशा,रसोईया कर्मचारी विरोधी नीतियों के कारण ही रसोइयों ,आशाओं की समस्याएं विकराल है ।उनका मानदेय बहुत मामूली होनेऔर वो भी नियमित न मिलने के कारण भुखमरी का शिकार हो रही है .उन्होंने डबल इंजन सरकारों से तत्काल समस्याओं को हल कराने की मांग की। उन्होंने एलान किया कि इटावा में 5 फरवरी को कचहरी पर विशाल प्रदर्शन और 16 फरवरी को देशव्यापी काम बंद हड़ताल की जाएगी।
किसान सभा के प्रांतीय संयुक्त मंत्री और जिलामंत्री संतोष शाकय ने आंदोलन का समर्थन किया आशा यूनियन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और जिला मंत्री संगीता कश्यप ने आशाओं से अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए संगठन कोमजबूत और जुझारू करने पर जोर दिया और 5 फरवरी को इटावा में होने वाले प्रदर्शन में भाग लेने की अपील की। रसोईया यूनियन की जिला मंत्री अनिता पोरवाल, उमा देवी ,जय श्री, सरस्वती, सर्वेश कुमारी ,कुसुमा देवी , सुमित्रा आदि ने भी विचार व्यक्त किये ।अध्यक्षता रसोईया यूनियन के अध्यक्ष रामचंद्र व आशा यूनियन की जिला अध्यक्ष शकुंतला देवी ने की । संचालन संगीता कश्यप ने किया। सर्दी के बावजूद जिले के दूरदराज इलाके से रैली में भारी संख्या में आशा, रसोईया व संगीनियों ने भाग लिया।
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist