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कुख्यात माफिया अतीक अहमद के घर मन्नत पर चलेगा बाबा का बुलडोजर,शाहरुख खान का फैन था माफिया

ग्रेटर नोएडा। 16 साल की उम्र से खून की नदियां बहाने वाला कुख्यात माफिया अतीक अहमद का डंका बजता था।अपराध की दुनिया में पकड़ और सियासी रसूख से हर कोई खौफजादा था।अतीक का एक फोन किसी की भी रातों की नींद उड़ा देता था।जमीन कब्जा करना, लूट, हत्या, रंगदारी अतीक का पेशा था।अतीक हर काम पुलिस और प्रशासन को चुनौती देकर करता था,लेकिन हिम्मत नहीं की कोई उसका बाल भी बांका कर पाए।आज अतीक का काला अतीत पीछा नहीं छोड़ रहा है।अतीक की हत्या के बाद भी उसका नाम किसी न किसी मामले में सामने आ ही जाता है।जिन संपत्तियों को अतीक ने अपने बाहुबल से कब्जा किया था, कमजोरों और गरीबों से छीना था, आज वो सब या तो कुर्क हो रही हैं या फिर उन पर बाबा का बुलडोजर चल रहा है।

ताजा मामला कुख्यात माफिया अतीक अहमद से जुड़ी उस संपत्ति का है, जिसे उसने बहुत मन से खरीदा था,जिसे पाने के लिए उसने रात दिन एक कर दिया था।उसको अपना बनाने के बाद अतीक ने अपने सबसे चहेते हीरो के बंगले का नाम दिया था।हम अतीक के ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 36 स्थित उस कोठी की बात कर रहे हैं, जिसे उत्तर प्रदेश पुलिस ने कुर्क कर दिया है।अब इस कोठी पर बुलडोजर चलवाने की तैयारी हो रही है। कोठी नंबर ए 107 की कीमत लगभग 3.7 करोड़ रुपए है। सबसे दिलचस्प इसका नाम मन्नत है, जो कि फिल्म सुपरस्टार शाहरुख खान के मुंबई स्थित बंगले का भी नाम है,चूंकि अतीक शाहरुख का बहुत बड़ा फैन था।इसलिए अतीक ने अपनी सबसे पसंदीदा प्रॉपर्टी का नाम मन्नत रखा।इस कोठी में अतीक का दिल बसता था।

साल 1994 में कुख्यात माफिया अतीक अहमद ने अपने बेटों की पढ़ाई के लिए मन्नत को खरीदा था। साल 2015 में अतीक के बेटे ग्रेटर नोएडा की एक यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के लिए आए थे,लेकिन इस कोठी का इस्तेमाल पढ़ाई से ज्यादा गैर कानूनी और आपराधिक गतिविधियों के लिए होने लगा। अतीक जब भी दिल्ली आता तो अपने गुर्गों के साथ यहीं मीटिंग करता था।जमीन से जुड़ी कई डील यहां फाइनल होती थी। इसका नतीजा ये हुआ कि ये अपराधियों का अड्डा बन गया। बीते साल फरवरी में हुए उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने के बाद उसका बेटा असद और शूटर गुलाम कानपुर होते हुए ग्रेटर नोएडा स्थित मन्नत कोठी में पहुंचे थे। पुलिस जांच में पता चला था कि यहां पैसा छिपा कर रखा गया था, जिसे लेने के लिए वो दोनों आए थे और कुछ देर बाद वहां से फरार हो गए थे।

बताते चलें कि कुख्यात माफिया अतीक अहमद की अवैध संपत्ति के खिलाफ पुलिस का एक्शन लगातार जारी है।अतीक की अवैध संपत्तियों और गिरोह की काली कमाई पर सरकार और कानून शिकंजा कसता जा रहा है।पिछले साल प्रयागराज में अतीक द्वारा कब्जाई गई 16 अवैध संपत्तियों को कुर्क कर दिया गया था।प्रयागराज पुलिस कमिश्नरेट ने एयरपोर्ट थाना क्षेत्र के कटहुला गौसपुर में अतीक की लगभग 20 बीघा जमीन गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क कर दी थी।इन संपत्तियों का मूल्य लगभग 12 करोड़ रुपए का बताया गया था, जिनकी अतीक के गुर्गों ने कौड़ियों के भाव में रजिस्ट्री करा ली थी। इनके बारे में अतीक के एक राजमिस्त्री हुबलाल ने खुलासा किया था।

बीते साल 15 अप्रैल को अतीक की हत्या होने के बाद हुबलाल डर गया था।हुबलाल ने खुद पुलिस के सामने आकर अतीक के सारे राज खोल दिए। हुबलाल ने बताया कि उसके नाम पर 14 अगस्त 2015 को 16 संपत्तियों की रजिस्ट्री कराई गई थी। 14 दलित किसानों को जान से मारने की धमकी देकर उनकी 16 संपत्तियों की रजिस्ट्री हुबलाल के नाम पर कराने के मामले में साल 2020 में खुल्दाबाद थाने में केस दर्ज कराई गई थी।इसमें चार लोगों अतीक, नियाज, जाहिद, रियाज, मोहम्मद शेख के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाया गया था।इस मुकदमे की विवेचना कैंट थाना पुलिस ने की थी, लेकिन तब कोई कार्रवाई नहीं हो पाई थी,लेकिन अतीक और उसके भाई माफिया अशरफ की हत्या होने के बाद जब उसका गैंग बिखर गया तब पुलिस ने अपना इकबाल उस इलाके में कायम कर लिया, तब जाकर लोगों ने अतीक की करतूतों से पर्दाफाश किया।

बता दें कि कुख्यात माफिया अतीक अहमद ने साल 2019 में वाराणसी संसदीय सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा था। अतीक ने चुनावी हलफनामे में कुल संपत्ति 25 करोड़ बताई थी।हलफनामे से खुलासा हुआ था कि अतीक के एक दर्जन से अधिक बैंक अकाउंट हैं।कागजी संपत्ति की बात छोड़ दें, तो अतीक ने अवैध तरीके से अकूत संपत्ति बनाई थी।अतीक ने 1200 करोड़ रुपए का अवैध साम्राज्य खड़ा किया था। इनमें ज्यादातर संपत्तियां कब्जा करके हासिल की गई थी,लेकिन साल 2020 के बाद से ही अतीक की उल्टी गिनती शुरू हो गई थी। पुलिस और प्रशासन ने अतीक की अधिकतर अवैध संपत्ति या तो जब्त कर ली या फिर उन पर बुलडोजर चलवा दिया गया।अतीक की 417 करोड़ की संपत्ति सरकारी कब्जे में है, जबकि 752 करोड़ की संपत्ति पर बुलडोजर चल चुका है।सबसे बड़ी बात अतीक का पूरा कुनबा बिखर चुका है।

कुख्यात माफिया अतीक अहमद पुलिस,प्रशासन या सरकार किसी से नहीं डरता था।एक समय था जब अतीक सरेआम लोगों की जमीनों पर कब्जा कर लेता था, जिसकी जमीन पर कब्जा करता, उसे जान से मारने की धमकी देकर सीधा कहता, जहां जाना हो जाओ, जमीन नहीं मिलेगी।कई बार रातों-रात किसी के प्लाट पर अज्ञात बंदूकधारी कब्जा कर लेते, बाऊंड्री बनवा देते, बाद में पता चलता कि ये तो अतीक के लोग हैं।एक बार राजधानी लखनऊ में पीजीआई के पास एक जमीन कब्जा करने अतीक खुद चला गया।अतीक के साथ उसका पूरा गैंग हथियारों से लैस होकर पहुंचा था।सैकड़ों गाड़ियों के काफिले को देख राजधानी के लोग डर गए, लेकिन अतीक के मन में रत्ती पर डर नहीं था। बहुत मुश्किल से पुलिस उस पर काबू पा सकी थी।

कुख्यात माफिया अतीक अहमद और उसके भाई माफिया अशरफ की हत्या से पहले ईडी ने उसके करीबियों के 15 ठिकानों पर छापे मारे थे। इसमें 100 से ज्यादा अवैध और बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे।इस दौरान ये खुलासा भी हुआ था कि अतीक ने लखनऊ और प्रयागराज के पॉश इलाकों में कई संपत्तियां खरीदी हैं।ये संपत्तियां अतीक और उसके परिजनों के नाम पर रजिस्ट्री हुई थी।ईडी को अतीक के नाम रजिस्टर्ड लखनऊ में 47 लाख रुपए की कीमत के 5900 स्क्वेयर मीटर में बने मकान के सबूत भी मिले थे।साल 2013 में लखनऊ के गोमतीनगर में स्थित इस प्लॉट को सिर्फ 29 लाख रुपए में लिखवा गया था, जबकि सर्किल रेट के आधार पर इसकी कीमत 47 लाख रुपए थी।वर्तमान इस प्लाट की कीमत एक करोड़ से ज्यादा बताई गई है।

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