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एक नए युग की शुरुआत,अयोध्या में राम मंदिर के बाद आस्था का केंद्र बन रहा है यूपी

लखनऊ।रामनगरी अयोध्या में 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर में रामलला विराजमान हो गए हैं।राम मंदिर में पूरे विधि-विधान के साथ रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान रामनगरी अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया गया। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में बॉलीवुड सितारों से लेकर कई राजनीतिक हस्तियां मौजूद रहीं।राम मंदिर का डिजाइन पारंपरिक नागर वास्तुकला शैली से प्रभावित है। राम मंदिर को पूरी तरह से पत्थरों से बनाया गया है।राम मंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया है।रामनगरी का यह राम मंदिर एक हजार साल तक मजबूती से खड़ा रहेगा।राम मंदिर भूकंप के जोरदार झटकों और भीषण बाढ़ का भी सामना कर सकता है।

रामनगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण 500 सालों के बाद हुआ जो सपने के साकार होने जैसा है।रामनगरी अयोध्या ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश भी अब आस्था के सबसे बड़े प्रतीक के तौर पर देखा जा रहा है।राम मंदिर का निर्माण सिर्फ एक इमारत का निर्माण नहीं बल्कि एकता, विकास और भक्ति की बड़ी मिसाल है।राम मंदिर बनने से उत्तर प्रदेश आध्यात्मिक पर्यटन का केंद्र बनता जा रहा है।

आध्यात्मिकता के इस सुनहरे दौर के बीच इंडिया टुडे ने एक खास प्रोजेक्ट भक्ति का संगम की शुरुआत की,जिसके जरिए बीते साल नवंबर में यूपी के प्रमुख तीर्थ स्थलों के दौरे की शुरुआत की थी।इस दौरान काशी,प्रयागराज, नैमिषारण्य, मथुरा और वृंदावन जैसे धार्मिक स्थलों के दर्शन कर वहां की धार्मिक- ऐतिहासिक विरासत को संजोने की कोशिश की गई है।

रामनगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में एकता का संदेश और आस्था की शक्ति है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में इस क्षण का सार बताते हुए कहा था कि रामलला के लिए इस मंदिर का निर्माण भारतीय समाज की शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव और समन्वय का प्रतीक है।राम मंदिर का निर्माण समाज के हर वर्ग के लिए उज्ज्वल भविष्य के पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा का भी प्रतीक है।

एक तरफ जहां रामनगरी अन्य का भव्य राम मंदिर आध्यात्मिक केंद्र के रूप में उभरा है तो इसी के साथ यह बढ़ते पर्यटन और बुनियादी ढांचे के विकास के जरिए यूपी की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का भी काम कर रहा है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आर्थिक विकास के लिए धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने को लेकर में मुखर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कई मंचों से बताया कि कैसे उत्तर प्रदेश तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की आवाजाही से लाभान्वित होने के लिए तैयार है।

यूपी अब देश के आध्यात्मिक केंद्र के रूप में अपनी दावेदारी मजबूत कर रही है।यूपी के हर शहर की अपनी अलग आस्था है।काशी का शाश्वत आकर्षण, प्रयागराज का दिव्य संगम, नैमिषारण्य का प्राचीन ज्ञान, गोरखपुर का रहस्यमयी आकर्षण और मथुरा-वृंदावन में कृष्ण भक्ति, सामूहिक रूप से यूपी की आध्यात्मिक तस्वीर को समृद्ध करते हैं।धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में यूपी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विजन महत्वाकांक्षी है, जिसका लक्ष्य इसकी विरासत को दुनिया के सामने प्रदर्शित करना है।

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