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भारत सरकार रक्षा मंत्रालय के सैनिक स्कूल सोसायटी के अधीन न्यू सैनिक स्कूल का शुभारंभ इसी सत्र से पीपीपी मोड में संचालित सैनिक स्कूल में लड़के लड़कियां दोनो पढ़ सकेंगे

रिपोर्ट शिवम दुबे

सात मार्च को वित्त मंत्री सुरेष खन्ना के कर कमलों से होगा शुभारंभ
इस अवसर पर सैनिक स्कूल परिसर में 52 फीट ऊंचे तिरंगे का भी होगा लोकार्पण

इटावा। अत्यंत हर्ष का विषय है कि रक्षा मंत्रालय के अधीन न्यू सैनिक स्कूल संकल्पना के तहत अपने शहर इटावा में भी सैनिक स्कूल प्रारंभ होने जा रहा है। पूर्व से ही कई प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्थानों का सफल संचालन कर रहे मुन्ना स्मृति संस्थान को इस महत्वपूर्ण कार्य की जिम्मेदारी मिली है। आगामी सात मार्च को उत्तर प्रदेष के वित्त मंत्री सुरेष खन्ना  द्वारा इस विद्यालय का शुभारंभ किया जाएगा। इसी दिन सैनिक स्कूल परिसर में 52 फीट ऊंचे तिरंगे झंडे का भी लोकार्पण किया जाएगा। इस अवसर पर प्रदेष सरकार के कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण सिंह जी और एमएलए सदर सरिता भदौरिया  भी उपस्थित रहेंगी।
मंगलवार को शकुंतलम इंटरनेषनल स्कूल में आयोजित प्रेस वार्ता में यह जानकारी विद्यालय प्रबंध समिति के प्रबंधक / उपाध्यक्ष आषीष भदौरिया ने दी। उनके साथ सैनिक स्कूल इटावा के मेंटर स्कूल सैनिक स्कूल मैनपुरी  (ग्रीन स्कूल) के प्रिंसिपल कर्नल अग्निवेष पांडेय, सैनिक स्कूल

सिटी कॉर्डिनेटर सीबीएसई  डा आनंद ने छात्र-छात्राओं को दिएटिप्स दिए टिप्स

(न्यू सैनिक स्कूल) के नव नियुक्त प्रिंसिपल एके चतुर्वेदी व शकुंतलम इंटरनेषनल की प्रिंसिपल वर्षा सिंह भी उपस्थित थी। सदर विधायक  ने बताया कि भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा देष में 100 न्यू सैनिक स्कूल खोले जाने का लक्ष्य रखा गया है। उसी क्रम में इटावा सैनिक स्कूल एक नई कड़ी है। उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्रालय और सैनिक स्कूल सोसायटी के कड़े मानकों पर खरे उतरना एक चुनौती थी, जिसे पूरा करने के बाद मंत्रालय द्वारा सैनिक स्कूल इटावा की मान्यता हासिल हुई है।  सदर ने बताया कि सैनिक स्कूल इटावा को सीबीएसई और सैनिक स्कूल सोसायटी दोनों नियामक संस्थाओं के मानकों के अनुसार छात्रों को षिक्षा देनी होगी।
आषीष भदौरिया  ने बताया कि सैनिक स्कूल के कैडेट्स के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित और वातानुकूलित छात्रावास, भोजनालय, स्वीमिंग पूल, एथलेटिक्स ट्रेक, अनेकों खेलों के कोर्ट और मैदान तैयार हैं। इसके साथ ही निकट भविष्य में सैनिक स्कूल इटावा के कैडेट्स को घुड़सवारी और षूटिंग की सुविधा भी उपलब्ध करायी जाएगी। षिक्षकों और प्रषिक्षकों के बारे में उन्होंने बताया कि बाहर से आये अनुभवी षिक्षकों का चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के बाद किया गया है और सभी षिक्षक अपने विषयों में पारंगत हैं। मिलिटरी रिलेटेड ट्रेनिंग सेना के रिटायर्ड कार्मिकों के द्वारा दी जाएगी।


प्रेस को संबोधित करते हुए सैनिक स्कूल इटावा के मेंटर स्कूल सैनिक स्कूल मैनपुरी के प्रिंसिपल कर्नल अग्निवेष पांडेय ने कहा कि न्यू सैनिक स्कूल की स्थापना के पीछे लक्ष्य है कि छात्रों नई षिक्षा नीति के तहत आधुनिक षिक्षा देने के साथ ही उन्हें सैन्य मूल्यों में भी प्रषिक्षित किया जाए। यह प्रषिक्षण छठी कक्षा से ही प्रारंभ हो जाएगा तो छात्रों के जीवन की बेहतर नींव पड़ेगी। वैसे तो सैनिक स्कूल में छात्रों के विषेष प्रषिक्षण का पहला लक्ष्य एनडीए के माध्यम से सेना में अधिकारी बनने का होता है, लेकिन जो छात्र सेना का करियर नहीं भी चुनते हैं वे जीवन के किसी भी क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्षन करने वाले नेतृत्वकर्ता बनते हैं।
सैनिक स्कूल इटावा के नवनियुक्त प्रिंसिपल एके चतुर्वेदी ने बताया कि सैनिक स्कूल इटावा में 40 से 50 प्रतिषत कैडेट्स (छात्रों) का प्रवेष ऑल इंडिया सैनिक स्कूल इंट्रेस एक्जाम की मेरिट के आधार पर होगा। शेष कैडेट्स के चयन के लिए सैनिक स्कूल सोसायटी की निगरानी में 17 मार्च को एक प्रवेष परीक्षा आयोजित की जा रही है। जो अभिभावक अपने बच्चों को सैनिक स्कूल इटावा में प्रवेष दिलाना चाहते हैं वे सैनिक स्कूल इटावा की वेबसाइट  पंजीकरण करा सकते हैं। इसके अलावा वे शकुंतलम इंटरनेषनल स्कूल में बने हेल्प डेस्क पर भी संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि सफल छात्रों को योग्यता अनुसार भारत सरकार रक्षा मंत्रालय की ओर से स्कॉलरषिप भी दी जाएगी।    
श्री चतुर्वेदी ने बताया कि सैनिक स्कूल इटावा में एक कैडेट (छात्र) की दिनचर्या प्रातः पांच बजे शुरू हो जाएगी और रात दस बजे तक चलेगी। इस पूरे दौरान ये कैडेट षिक्षकों और प्रषिक्षकों की निगरानी में रहेंगे। इस पूरे 17 घंटों के प्रषिक्षण को फिजिकल ट्रेनिंग, योग, एकेडमिक ट्रेनिंग, एकेडमिक प्लस एक्टिविटी, स्किल बेस्ड ट्रेनिंग, मिलिट्री ड्रिल ट्रेनिंग, एनसीसी, फील्ड क्राफ्ट ट्रेनिंग, स्पोर्ट्स ट्रेनिंग, रिक्रियेषन और सेल्फ स्टडी में विभाजित किया गया है। इस पूरे आयोजन का मकसद कैडेट को शारीरिक रूप से सक्षम, मानसिक रूप से तीक्ष्ण और नैतिक रूप से मजबूत बनाना है जिससे वे आगे चलके एक श्रेष्ठ नागरिक बन सकें और देष के किसी भी क्षेत्र में समाज का नेतृत्व कर सकें।
डे स्कॉलर भी हो सकते हैं कैडेट
प्रेस कांफ्रेंस में उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि सैनिक स्कूल में डे स्कॉलर्स की भी सुविधा दी जाएगी। यदि कोई अभिभावक अपने बच्चों को दिन भर के प्रषिक्षण के बाद घर ले जाना चाहते हैं तो ले जा सकते हैं। हालांकि यह सुविधा कड़ी शर्तों को पूरी करने के बाद ही दी जाएगी। इस सुविधा के अंतर्गत कैडेट सुबह असेंबली टाइम में स्कूल ज्वाइन करेंगे और फिर शाम पांच बजे तक एकेडमिक, फिजिकल, मिलिटरी, स्पोर्ट्स ट्रेनिंग हासिल करने के बाद घर जा सकते हैं। इस दौरान कैडेट्स के होम वर्क आदि भी पूरे करा दिये जाएंगे। इस प्रकार कैडेट बिना बैग के घर से स्कूल आएंगे और सारे प्रषिक्षण लेने के बाद घर वापस जा सकेंगे। ऐसे कैडेट्स की सुविधा के लिए उन्हें स्कूल में ही लॉकर्स, भोजन, और अन्य सामग्री उपलब्ध करायी जाएगी।

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