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भारतीयों का हौसला देखकर जब हैरत में पड़ गया विश्व, 85% निरक्षर पहले चुनाव के मतदान में हुए थे शामिल

लखनऊ।देश की आजादी के बाद 1952 के पहले आम चुनाव में 85 फीसदी निरक्षरों ने अपने प्रत्याशियों के समर्थन में मतदान किया।उस समय पूरा विश्व हैरत में पड़ गया था।इन लोगों ने पहली बार लोकसभा की 497 और विधानसभा की 3283 सीटों के लिए मतदान किया था।

पहले चुनाव में मतदान करने के लिए देशभर में 17 करोड़ 32 लाख 12 हजार 343 लोगों ने खुद को पंजीकृत कराया। मतदान करने में उत्तर प्रदेश के 39 प्रतिशत से अधिक निरक्षर शामिल रहे।

15 अगस्त 1947 को जब अंग्रेजी हुकूमत से देश आजाद हुआ तो किसी ने सोचा नहीं था कि भारत संसदीय प्रणाली को अपनाकर दुनिया का सबसे बड़ा चुनावी प्रक्रिया वाला लोकतंत्र बन जाएगा। पहली चुनाव प्रक्रिया 25 अक्तूबर 1951 से 21 फरवरी 1952 तक चली।

लगभग चार महीने तक चली प्रक्रिया में खास बात ये रही कि इसमें निरक्षरों ने हल्ला बोलते हुए जमकर मतदान किया। पहले आम चुनाव में 85 प्रतिशत मतदान करके निरक्षरों ने यह साबित कर दिया था कि भले ही उन्हें आर्थिक, सामाजिक रूप से कमजोर और अनपढ़ बनाया गया हो, लेकिन उनके सशक्त हस्ताक्षर ने भारत को दुनिया के लोकतांत्रित देशों की कतार में लाकर खड़ा कर दिया।

इसके बाद चुनाव दर चुनाव हमारा लोकतंत्र मजबूत होता रहा है। पहले आम चुनाव में यूपी के लोगों में गजब का उत्साह देखने को मिला। प्रदेश में सबसे ज्यादा 39.05 फीसद निरक्षरों ने अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए वोट किए थे।

बता दें कि वर्तमान में हम अपनी चुनावी प्रक्रिया और लोकतंत्र में चाहे जितनी खामियां निकाल लें, लेकिन जब अतीत के आईने में झांकते हैं तो इसे उपलब्धि के रूप में पाते हैं।

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