नई दिल्ली।केंद्र में जब से मोदी सरकार बनी है विपक्ष का अंत होता जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी लगातार मजबूत होती जा रही है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने विपक्ष पार्टियां कमजोर हो रही हैं।जानकारी के मुताबिक हाल ही में विपक्षी पार्टियों के 80 हजार से अधिक कार्यकर्ता और नेता भाजपा में शामिल हुए हैं।इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लोकसभा का चुनावी बिगुल बजने के बाद से कांग्रेस समेत तमाम पार्टियों के दिग्गज नेता बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो रहे हैं।
इसके कुछ उदाहरण तो एक-दो दिन में ही सामने आए हैं। पंजाब की राजनीतिक मिट्टी भाजपा के मुफीद बिल्कुल नहीं है। पंजाब से भी कांग्रेस के दिग्गज नेता और लंबे समय से कांग्रेस की टिकट पर जीतते आ रहे कई सांसद भाजपा के पाले में आ गए हैं।इनमें पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी और पटियाला से सांसद परनीत कौर, पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते और सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील कुमार रिंकू और जालंधर (पूर्व) विधानसभा सीट से आप के विधायक शीतल अंगूरल का नाम शामिल हैं।पंजाब ही नहीं देश में शायद ही ऐसा कोई राज्य हो जहां से विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने भाजपा का दामन ना थामा हो।हरियाणा में कुरुक्षेत्र से दो बार सांसद रहे कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री नवीन जिंदल पूरे दल-बल के साथ भाजपा में आ गए और उन्हें भाजपा ने कुरुक्षेत्र से टिकट भी दिया है।हरियाणा में ही रनिया से निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला ने भी भाजपा में शामिल होने का ऐलान किया।
24 मार्च को पूर्व वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता वरप्रसाद राव वेल्लापल्ली भाजपा में शामिल हुए थे। कर्नाटक से जनार्दन रेड्डी भाजपा में शामिल हुए ही साथ ही अपनी पार्टी कल्याण राज्य प्रगति पक्ष (केआरपीपी) का भी भाजपा में विलय कर दिया। छत्तीसगढ़ में जगदलपुर नगर निगम की कांग्रेसी महापौर सफीरा साहू समेत आठ कांग्रेसी पार्षद भाजपा में शामिल हुए।बस्तर लोकसभा से कुल 2300 कार्यकर्ताओं भाजपा में शामिल हुए।
भाजपा में शामिल होने वाले बड़े नेताओं की बात करें तो इनमें महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, बसपा सांसद रितेश पांडेय,बसपा सांसद संगीता आजाद, लालचंद कटारिया, अर्जुन सिंह, किरण कुमार रेड्डी, ज्योति मिर्धा, अर्जुन मोढवाडिया आदि शामिल हैं।
विपक्षी पार्टियों में सबसे अधिक टूटन मध्य प्रदेश में देखने को मिली है। मध्य प्रदेश में लगभग 10 हजार कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुए हैं। इस पलायन में कांग्रेस के ब्लॉक स्तर से लेकर जिला और विधानसभा स्तर के नेता शामिल हैं। भाजपा नेता नरोत्तम मिश्रा की मानें तो इस साल जनवरी से लेकर अबतक लगभग 8,000 नेता और कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुए हैं। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, जगतप्रकाश अन्नू (जबलपुर मेयर), शंशाक शेखर सिंह, राकेश कटारे (विदिशा जिलाध्यक्ष), गजेंद्र सिंह राजूखेडी (पूर्व सांसद), संजय शुक्ला (पूर्व विधायक), विशाल पटेल (पूर्व विधायक), अर्जुन पलिया (पूर्व विधायक), दिनेश अहिरवार (पूर्व विधायक), कमलापत आर्य (पूर्व विधायक) सहित तमाम नामचीन नेता शामिल हैं। विदिशा से पूर्व कांग्रेसी विधायक शशांक भार्गव तो हाल ही में भाजपा में आए हैं। भाजपा की मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख वीडी शर्मा का दावा है कि लगभग 50,000 कांग्रेसी कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के 6 विधायकों ने तो भाजपा के पाले में आकर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कांग्रेस से बगाबत करके आए सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजिंदर राणा, इंतर दत्त, चेतन्य शर्मा और देविंदर भुट्टो को भाजपा की सदस्यता दिलावाई थी।
भाजपा ने दूसरी पार्टियों से नेताओं और कार्यकर्ताओं को तोड़कर पार्टी में शामिल करने के लिए एक ज्वाइनिंग कमेटी बनाई है। इस कमेटी के संयोजक के तौर पर विनोद तावडे को जिम्मेदारी दी गई। विनोद तावड़े को पश्चिम भारत की भी जिम्मेदारी दी गई है।रविशंकर प्रसाद को पूर्वी भारत, राजीव चंद्रशेखर को दक्षिणी भारत, अनुराग सिंह ठाकुर को उत्तर भारत और भूपेंद्र यादव को मध्य भारत की जिम्मेदारी दी गई है।
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist