मऊ।जयराम की दुनिया का बेताज बादशाह माफिया मुख्तार अंसारी की जन्मभूमि भले ही गाज़ीपुर रही हो,लेकिन मुख्तार ने अपनी सियासी कर्मभूमि मऊ को बनाई। 1996 से लगातार 2022 तक मुख्तार मऊ सदर से विधायक रहे।मऊ से ही पूरे पूर्वांचल में मुख्तार ने अपना सिंडिकेट खड़ा किया।अब जब मुख्तार की मौत हो गई है, तब सबसे बड़ा सवाल यही है कि मऊ में उसके साम्राज्य और विरासत का क्या होगा।ऐसे में सवाल उठ रहे हैं मुख्तार की विरासत का क्या होगा।हालांकि उत्तर प्रदेश में कई ऐसे माफिया हैं, जो कि मुख्तार के साम्राज्य पर अपना दावा ठोक सकते हैं।
मुख्तार अंसारी के बाद मऊ में जरायम की दुनिया का सबसे बड़ा नाम उसका दाहिना हाथ रहा शार्प शूटर अनुज कन्नौजिया का है।मुख्तार के पूर्वांचल में अपराध के सारे काम अनुज ही देखता था।अनुज नृशन्स हत्या करने के लिए जाना जाता है। अनुज ही मुख्तार के रंगदारी, जमीन और रियल एस्टेट के काम को देखता है।दो लाख का इनामी अनुज पर लूट, हत्या और रंगदारी के कई मामले हैं।फिलहाल मुख़्तार का ये शार्प शूटर फरार है।
अनुज की पत्नी रीना राय और जीजा शिव रतन भी रंगदारी के मामले में झारखंड से गिरफ्तार किए गए थे।रीना और शिव रतन गैंगस्टर एक्ट में मऊ जेल में बंद हैं।अनुज के बाद रमेश सिंह काका का नाम है, जो मऊ में मुख़्तार की विरासत पर दावा ठोक सकता है।रमेश सिंह काका पर भी हत्या, रंगदारी समेत कई मामले दर्ज हैं।
आई आर 212 गैंग का सरगना रमेश सिंह काका का नाम 2013 में वाराणसी जिला जेल के डिप्टी जेलर अनिल त्यागी की हत्याकांड के बाद सुर्खियों में आया था।बीटीसी की ट्रेनिंग लिए रमेश काका ने जरायम की दुनिया में मास्टरी हासिल की। रमेश सिंह काका पर हत्या, लूट और रंगदारी के चौसठ मुकदमे हैं।ठेकेदारी, रंगदारी और राइस मिल के जरिए मऊ में मुख़्तार के बाद रमेश काका का ही सिक्का चलता था। फिलहाल रमेश सिंह काका जेल में बंद है।
रमेश काका की पत्नी सपा की टिकट पर ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ चुकी हैं। 2017 में योगी सरकार के आने के बाद सारे बदमाश या तो फरार हो गए या उनका एनकाउंटर हो गया या फिर वो जेल में बंद हैं।
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist