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बेसहारा मानसिक रोगियो का सहारा बना यूपीयूएमएस का मानसिक रोग विभाग उपचार के साथ योगा संगीत खेल के माध्यम से हो रहा है मानसिक रोगियों का इलाज

इटावा (सैंफई) लंबे समय से बेसहारा मानसिक रोगियों का सहारा बन कर इन रोगियों की देखभाल व उपचार कर रहा है उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय का मानसिक रोग विभाग। माननीय कुलपति प्रो डॉ प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि मानसिक रोग विभाग की टीम द्वारा बेसहारा मानसिक रोगियों को उपचार के साथ भावनात्मक सहयोग व विशेष देखभाल की जा रही है यह सराहनीय है,क्योंकि मानसिक रोगियों को उपचार में भावनात्मक सहयोग की अहम भूमिका होती है।

मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ एसपी सिंह ने बताया कि सड़क,स्टेशन,मंदिर, दुर्घटना स्थल जैसे स्थानों आए बेसहारा मानसिक रोगी मानसिक रोग विभाग में भर्ती किए जाते हैं इनकी विशेष देखभाल और उपचार किया जा रहा है। क्योंकि यह सब विक्षिप्त मानसिक अवस्था व बहुत ही दयनीय स्थिति में होते हैं तो अपना घर,परिवार,पता यह बता नहीं पाते इसी कारण मानसिक रोग विभाग में इनकी पूर्णता देखरेख की जा रही है।

मानसिक रोग विभागाध्यक्ष डॉ अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि कोरोना के समय हमारे विभाग में 18 बेसहारा मानसिक रोगी थे,
वर्तमान में हमारे यहां सात मानसिक रोगियों की देखरेख की जा रही है।
उन्होंने बताया कि इसमें से कुछ रोगी तो जब यहां पर आए थे तो उनके शरीर के हिस्सों में कीड़े पड़े हुए थे और वह अपनी दैनिक क्रिया भी करने में सक्षम नहीं थे लेकिन उनकी उचित देखरेख व उपचार के साथ योगा और संगीत, खेल के माध्यम उन में बहुत सुधार हुआ है अब वह पहले से बेहतर और सामान्य जीवन की ओर लौट रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुछ मानसिक रोगी स्वस्थ होने के बाद अपने परिवार या स्थानीय जगह के बारे में बताते हैं तब गूगल मैप के माध्यम से उसे स्थान को खोजा जाता है और उनके परिवार से संपर्क कर मिलवाया जाता है ऐसे आठ मानसिक रोगियों को परिवार से मिलाया जा चुका है।
मानसिक रोग विभाग की स्टाफ नर्स ममता राय ने बताया कि हमारे यहां 14 सदस्य टीम के सहयोग से मानसिक रोगियों की देखरेख की जाती है, स्टाफ नर्स ने बताया कि स्टाफ नर्स वीर सिंह, अनुराग,अतुल के सहयोग से मानसिक रोगियों को नियमित रूप से सुबह योगा कराया जाता है व अन्य स्टाफ की सहायता से मनोरंजन खेल और अन्य गतिविधियां संपन्न कराई जाती है। उन्होंने बताया कि कभी-कभी इन रोगियों के साथ समन्वय स्थापित करने में बहुत परेशानी आती है लेकिन आत्मीयतापूर्ण व्यवहार के साथ इन्हें बेहतर दिनचर्या और योगा व संगीत, मनोरंजन खेल व कैरम लूडो व अन्य खेल के साथ गाना,नाचना जैसी गतिविधियां करवाते हैं और उन्हें मानसिक रूप से ज्यादा से ज्यादा शांत और सकारात्मक बनाने का पूर्ण प्रयास करते हैं जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

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