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मीरजापुर।कांग्रेस और समाजवादी पार्टी इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं।सपा और कांग्रेस एक साथ मिलकर मीरजापुर में जीत दर्ज करने के लिए रणनीति तैयार करने में जुटी है। 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा ने गठबंधन किया था,लेकिन भाजपा और अपना दल (एस) की आंधी में सपा उड़ गई थी।ऐसे में इस बार पिछले चुनाव में हुई गलतियों से सबक लेते हुए सपा जीत दर्ज करने की तैयारी में है।
2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 91501 वोट मिला था, जबकि सपा को तीन लाख 59 हजार 556 वोट मिला था।अगर मिले इन वोटों की संख्या एक बार के लिए जोड़ भी दिया जाए तो तब भी इनकी संख्या चार लाख 51 हजार के लगभग है।वहीं दूसरी तरफ अपना दल एस को पांच लाख 91 हजार 564 वोट मिले थे। यानी 2019 के लोकसभा चुनाव के आधार पर देखा जाए तो सपा और कांग्रेस मिलकर भी जीत दर्ज करने में बहुत पीछे है।
2019 के लोकसभा चुनाव में सपा का बसपा से गठबंधन था, तब भी लगभग साढ़े तीन लाख वोट मिले थे।इस बार सपा-कांग्रेस गठबंधन में कितनी धारदार होगी ये तो चुनाव बाद ही पता चल पाएगा, लेकिन अभी से ही सपा-कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनाव में मिले वोट के हिसाब से जीत का समीकरण फिट करने के लिए जुटी हुई है।सपा-कांग्रेस गठबंधन को भरोसा है कि दोनों पार्टियों को 2019 में जितना वोट मिला था, उसे इस बार बढ़ाया जाए।
1957 में पहली बार कांग्रेस यहां से जीती थी। 1989 के बाद कांग्रेस यहां अपने लिए रेड कार्पेट के लिए तरस गई।वहीं सपा की बात करें तो 1996 में चंबल की रानी फूलन देवी के सहारे सपा ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1999, 2009 में सपा जीत हासिल कर पाई।
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Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist
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