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जैन धर्मावलंबियो ने मनाया अक्षय तृतीया महापर्व प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ व अक्षय तृतीया पर्व की विशेष पूजा की गई

जसवंतनगर नगर के प्राचीन श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर जैन बाजार में अक्षय तृतीया महापर्व धूमधाम से मनाया गया। प्रातः जैन मंदिर में सर्वप्रथम जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर श्री आदिनाथ भगवान का भव्य अभिषेक हुआ। उसके बाद भगवान की शांतिधारा हुयी। तदुपरांत इंद्रो द्वारा अक्षय तृतीया पर्व पर विशेष पूजा हुई व महाअर्घ्य समर्पित किए गए। जैन मंदिर से ही इछुरस का वितरण भी महिला मंडल की अगुवाई में किया गया। त्याग धर्म की महिमा समझते हुए सभी ने उत्तम त्याग की भावना भायी। रात्रि में आरती भक्ति के बाद बिबिध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न वर्गों के बच्चों के साथ-साथ महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया व अनेकों पुरस्कार प्राप्त किये। समस्त कार्यक्रमों का आयोजन महिला मंडल द्वारा किया गया एवं सभी महिलाओं ने कार्यक्रमों को सफल बनाया।

जैन धर्म में अक्षय तृतीया पर दान का विशेष महत्व बताया गया है जैन पुराणों के अनुसार इस युग के प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान ने 6 महीने तप एवं 6 महीने आहार की विधि ना मिलने के कारण 1 वर्ष की तपस्या के बाद वैशाख के महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया को इक्षुरस का प्रथम आहार विधि मिलने से राजा श्रेयांश के द्वारा हुआ था। तभी से दान की परंपरा चली आ रही है।


लुधपुरा स्थित श्री महावीर दिगंबर जैन मंदिर में भी सभी जैन अनुयायियों द्वारा अक्षय तृतीया पर्व मनाया गया प्रातः अभिषेक पूजन के बाद इछुरस का वितरण भी समाज के द्वारा किया गया। सभी महिलाओं व पुरुषों ने कार्यक्रम में सहयोग किया।

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